मायापुरी का रेडियोएक्टिव कबाड़ - एक सच्ची घटना


मायापुरी का रेडियोएक्टिव कबाड़ - एक सच्ची घटना

परिचय:

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम Priyanshu Thakur है। आज मैं आपके लिए एक ऐसी सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। यह घटना हुई थी साल 2010 में दिल्ली के सबसे बड़े कबाड़ मार्केट, मायापुरी में। यह घटना इतनी खतरनाक थी कि पूरे इलाके को खाली करवाना पड़ा था। तो चलिए जानते हैं कि आखिर हुआ क्या था।

घटना की शुरुआत:

साल 2010 का महीना था अप्रैल। दिल्ली के हरी नगर की सड़कों पर एक शख्स भागते हुए आ रहा था। वह चिल्ला रहा था कि मायापुरी के एक कबाड़िये के पास कुछ ऐसा कबाड़ आया है जो सबकी जान ले लेगा। लोगों ने उसे रोका और पूछा कि आखिर ऐसा क्या है? लेकिन वह शख्स कुछ बताए बिना ही गायब हो गया।

लोगों की चिंता:

लोगों ने इस बात को हल्के में नहीं लिया। उन्होंने सोचा कि शायद कुछ गड़बड़ है। अगले दिन पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया और लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए कहा।

साइंटिस्टों की जांच:

साइंटिस्टों ने जब जांच की तो पता चला कि कबाड़ में एक रेडियोएक्टिव पदार्थ, कोबाल्ट-60 है। यह पदार्थ इतना खतरनाक था कि अगर इससे संपर्क में आते तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती थीं।

कबाड़ मार्केट को खाली करवाना:

साइंटिस्टों ने तुरंत ही कबाड़ मार्केट को खाली करवा दिया। पूरे इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया।

रेडियोएक्टिव पदार्थ को ढूंढना:

साइंटिस्टों ने दिन-रात एक करके रेडियोएक्टिव पदार्थ को ढूंढने का काम शुरू कर दिया। उन्हें कबाड़ के ढेरों में से कई रेडियोएक्टिव पेंसिलें मिलीं। इन पेंसिलों में कोबाल्ट-60 भरा हुआ था।

कबाड़ मार्केट को साफ करना:

साइंटिस्टों ने रेडियोएक्टिव पदार्थ को सुरक्षित तरीके से हटाया और कबाड़ मार्केट को साफ किया। इस पूरे ऑपरेशन में कई महीने लगे।

निष्कर्ष:

यह घटना हमें यह बताती है कि हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए। हमें किसी भी अनजान चीज को नहीं छूना चाहिए। अगर हमें कोई ऐसी चीज मिलती है जो हमें अजीब लगती है तो हमें तुरंत किसी बड़े को बताना चाहिए।

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