Shree Bake bihari Teri Aarti Gaun| Official Bhakti Song| @priyanshuthakur007

Shree Bake bihari Teri Aarti Gaun 

Shree Bake bihari Teri Aarti Gaun| Official Bhakti Song| @priyanshuthakur007

यह आरती भगवान श्री कृष्ण के एक विशेष रूप, बाँकेबिहारी जी की स्तुति में गाया जाता है। इसमें भगवान के रूप, उनके गुणों और भक्तों के प्रति उनके प्रेम का वर्णन किया गया है।

मुख्य बिंदु:

 * भगवान के रूप का वर्णन: मोर मुकुट, बंसी, युगल छवि आदि के माध्यम से भगवान के सुंदर रूप का वर्णन किया गया है।

 * भगवान के गुण: भगवान को दयालु, करुणामाय और भक्तों के नाथ बताया गया है।

 * भक्त की भावना: भक्त भगवान के चरणों में शीश नवाता है और उनके दर्शन पाने की प्रार्थना करता है।

 * आराधना: आरती में भगवान को रिझाने के लिए प्रार्थना की जाती है।

समग्र भाव:

यह आरती भक्ति और भगवान के प्रति प्रेम से ओत-प्रोत है। भक्त भगवान को अपने जीवन का आधार मानता है और उनकी शरण में शांति और सुख की कामना करता है।

कहां गाया जाता है:

यह आरती मुख्य रूप से मथुरा के वृंदावन में स्थित श्री बांकेबिहारी मंदिर में गाया जाता है। यह भक्तों द्वारा घरों में भी गाया जाता है।

अन्य जानकारी:

 * यह आरती भगवान कृष्ण के अन्य नामों जैसे कुंजबिहारी और श्यामसुंदर के साथ भी गाया जाता है।

 * यह आरती भक्ति संगीत का एक लोकप्रिय उदाहरण है।

 * यह आरती भक्तों को भगवान के करीब लाने में मदद करती है।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती लिरिक्स:

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ।

कुन्जबिहारी तेरी आरती गाऊँ।

श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥


मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे।

प्यारी बंशी मेरो मन मोहे।

देखि छवि बलिहारी जाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥


चरणों से निकली गंगा प्यारी।

जिसने सारी दुनिया तारी।

मैं उन चरणों के दर्शन पाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥


दास अनाथ के नाथ आप हो।

दुःख सुख जीवन प्यारे साथ हो।

हरि चरणों में शीश नवाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥


श्री हरि दास के प्यारे तुम हो।

मेरे मोहन जीवन धन हो।

देखि युगल छवि बलि-बलि जाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥


आरती गाऊँ प्यारे तुमको रिझाऊँ।

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊँ।

श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

आरती का वीडियो और भजन सुने:

निष्कर्ष:

यह आरती भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरे भक्ति और प्रेम का एक सुंदर उदाहरण है। यह भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि प्रदान करती है।


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